गुरुवार, अक्तूबर 21, 2010

एक सुहाना...सफर है जिंदगी

अक्सर ऐसे लोग मिल जाते हैं जिनके लिए ज़िंदगी बहुत कठिन होती है। ऐसे लोगों को अपने जीवन में बस मुश्किलें ही नजर आती हैं। हर वक्त उन्हें लगता है कि वे ही दुनिया के सबसे दुखी और परेशान प्राणी हैं। ऐसे अनेक लोगों को तो यह ज़िंदगी जीने के काबिल भी नहीं लगती।

यह सही है कि ज़िंदगी में दुख-तकलीफों और परेशानियों से मुठभेड़ होती ही रहती है। ऐसा दुनिया के हर इंसान के साथ होता है। हर आदमी की अपनी-अपनी परेशानियाँ होती हैं। जब तक ये जीवन है तब तक ये मुसीबतें तो रहेंगी ही। तो फिर क्या करें? चलिए जानते हैं।

उनकी जगह आप होते तो...
लोग अक्सर यही सोचकर परेशान होते हैं कि ये मुसीबतें हमारे ही हिस्से में क्यों? बेहतर होगा यदि यह सोचा जाए कि हमारी जगह अगर कोई और व्यक्ति होता तो वह ऐसे हालात में क्या करता? ऐसा सोचने पर आपकी कल्पना में ऐसे दृश्य उभरने लगेंगे जिनमें उस व्यक्ति ने उस मुश्किल का कोई न कोई हल निकाल लिया होगा। ऐसा सोचने से आपको बल मिलेगा तब आप यह सोच सकते हैं कि अगर वह व्यक्ति इस मुसीबत से निकल सका है तो हम क्यों नहीं निकल सकते।

बी ए ग्रेट वॉरि‍यर
अगर हम अपना नजरिया ऐसा बना लें कि हम सैनिक हैं और हमें परेशानियों, मुसीबतों और मुश्किलों रूपी दुश्मनों को खत्म करना है, तो हमारी ज़िंदगी बहुत हद तक बदल सकती है। अपने पर्सनालि‍टी में मुसीबतों से लड़ने और उन पर विजय पाने की भावना बना लें। तब हम कठिनाइयों से भागेंगे नहीं बल्कि डटकर उनका मुकाबला करते हुए उन पर जीत हासिल करेंगे।

मुश्कि‍लें तो आएँगी
अगर प्रॉब्लम्स को एक्‍सेप्‍ट कर लि‍या जाए तो लाइफ की आधी से ज्‍यादा प्रॉब्लम्‍स तो यूँ ही सॉल्‍व हो जाएँगी। अजीब हैं ना... लेकि‍न वाकई में अगर यह सोचा जाए कि प्रॉब्लम्स को तो रहना ही है और इनकी मौजूदगी में ही मंजिल पाना है तो, हमारे सोचने का तरीका काफी हद तक ऑप्‍टि‍मि‍स्‍ट हो जाएगा।

मुश्किलों को अलग-अलग करके हल करें
अपनी सारी मुश्किलों के बारे में एक साथ सोचेंगे तो इससे मुश्किलें और भी बढ़ने लगेंगी, इसलिए इन्हें एक-एक करके हल करने की कोशिश कीजिए। ऐसा करने से अपनी कठिनाइयों का बेहतर समाधान आप पा सकेंगे।

प्रॉब्लम्स को हौवा न बनने दें
प्रॉब्लम्स के आने से पहले ही उनके बारे में सोच-सोच कर उन्हें बड़ा वनने का मौका न दें। आने वाली मुसीबतों से बचने के लिए पहले से ही कोई उपाय सोचकर रखना कोई गलत बात नहीं, पर मुसीबतों के आने से पहले ही हरदम उनके बारे में सोच-सोच कर अपने आज को बिगाड़ लेना भी ठीक नहीं। आने वाली मुसीबतों के बारे में यह सोचिए कि जब मुश्किल आएँगी, तब देखा जाएगा, अभी से उनकी चिंता क्यों करें? हो सकता है कि वे मुसीबतें आपके जीवन में कभी आएँ ही नहीं।

तो आइए अपनी परेशानी के प्रति अपना दृष्टिकोण बदलें। दृष्टिकोण बदलेगा तो जीवन भी बदलेगा।

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