मंगलवार, जून 21, 2011

नीलम रत्न और हम आप

सारे ब्रह्मांड में ऊर्जा शक्ति का मुख्य रूप है। मानव शरीर की आत्मा भी ऊर्जा रूप है। सूर्य से सात रंगों की किरणें निकलती हैं, जिसमें नीले रंग की किरणें शनि ग्रह की होती हैं। मानव शरीर में रक्त का रंग लाल होता है, रक्त संचालन से ही मानव की क्रियाशीलता दृष्टिगोचर होती है।


आकाश मंडल में शुक्र यानी राहु आपस में मित्र हैं तथा सूर्य चन्द्र, मंगल, गुरू, केतु आपस में मित्र हैं, बुध ग्रह सूर्य के साथ ही रहता है। वैसा ही स्वभाव प्रदर्शित करता है, सूर्य का रंग बैंगनी, चन्द्र का श्वेत, मंगल का लाल, गुरू का पीला, बुध का हरा, शुक्र का श्वेत-नीला, शनि का गहरा नीला, राहु का काला तथा केतु का रंग चितकबरा होता है।

जब हम किसी भी ग्रह के रत्न को धारण करते हैं, तब आकाश मंडल से उन ग्रहों की शुभ किरणें धारण किए हुए रत्न के माध्यम से शरीर में पहुँचती हैं। इन किरणों का रक्त से मेल होता है। जन्मकुंडली में ग्रहों के सामंजस्य के अनुसार वह रत्न मानव के तंत्र को शुभ या अशुभ रूप में प्रभावित करता है या रत्न शास्त्र का विज्ञान।

नीलम रत्न शनि का रत्न है। शनि ग्रह की किरणें नीली होती हैं, जब किसी व्यक्ति पर विष का प्रभाव होता है, तब उस व्यक्ति का खून नीला पड़ जाता है अर्थात्‌ शनि ग्रह मंगल अर्थात्‌ रक्त की क्रियाशीलता को नष्ट करता है। सूर्य, मंगल, चन्द्र, गुरू आपस में मित्र हैं। अर्थात्‌ नीलम रत्न हर कोई नहीं पहन सकता। जिस व्यक्ति की पत्रिका में शनि शुभ ग्रह का स्वामी हो।

शनि का जन्मांक में किसी अन्य शुभ ग्रहों अथवा शुभ भावेशों से प्रतियोग अथवा दृष्टि संबंध न हो साथ ही किसी विद्वान व्यक्ति की देखरेख हो तभी व्यक्ति को नीलम धारण करना चाहिए।


नीलम रत्न को मूल्यवान रत्नों की श्रेणी में रखा जाता है। शनि के उपरत्न कटहला, काकानीली होते हैं। इन्हें नीलम के स्थान पर पहना जा सकता है। जन्मांक में निम्न ग्रह स्थितियों में नीलम धारण करना चाहिए। यह कुरुन्दम वर्ग का रत्न माना जाता है।

एल्युमिनियम आक्साइड और कुरुन्दम के संयोग से इसकी सृष्टि होती है। यह कश्मीर में पाया जाता है। कश्मीरी नीलम अतिश्रेष्ठ माना जाता है।

चीन, अमेरिका, थाइलैंड, जावा, ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका और काबुल के पास भी पाया जाता है। अंग्रेजी में इसे 'सेफायर' कहते हैं। बहुत कम समय में यह शुभ अशुभ-प्रभाव दिखा देता है।

- शनि ग्रह का सूर्य, चन्द्र, मंगल से युति अथवा दृष्टि संबंध होने पर व्यक्ति को नीलम नहीं धारण करना चाहिए।

- जन्मांक में शनि, गुरू का नवपंचम योग है तथा शनि का ग्रह अन्य किसी ग्रह से प्रतियोग नहीं तब नीलम धारण करने पर विचार करना चाहिए।

- शनि ग्रह शुभ भावों का स्वामी हो तथा निर्बल स्थिति में हो, तब किसी विद्वान व्यक्ति की सलाह से नीलम रत्न पहनना चाहिए।

8 टिप्‍पणियां:

  1. mera name Usman Ahmed Kidwai hai aur meri date of birth 08 July 1973 hai. mujhe kya neelam stones pahanna chahiye?

    E-mail- uaknhk.vamshi@gmail.com
    Mob. : 9307472833

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  2. mera name amit tiwari hai meri date of birth 11/10/1987 hai kya mujhe neelam ratan dharan karna chahiye
    E-mail - anuamit1987@gmail.com

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  3. mera name amit tiwari hai meri date of birth 11/10/1987 hai kya mujhe neelam ratan dharan karna chahiye
    E-mail - anuamit1987@gmail.com

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  4. mera name amit tiwari hai meri date of birth 23/02/1982 hai kya mujhe neelam ratan dharan karna chahiye
    E-mail - govindg97@rediffmail.com

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  5. sir meri b help kardijie please.
    Muje neelam dalne k lie aur panna dalne k lie kaha gaya hai aur maine neelam 1st of january ko pehna hai.
    Please muje bataiye kya muje neelam suit karega. Main kitni b mehnat karu last muje safalta nhi milti sir ji. Kbhi lagta hai suicide karlu phir kabhi lagta hai sab theek hojaega
    Meri date of birth 15th july 1985, place varanasi aur time hai sham ke 7: 40 pm.
    Muje b thora sa guide kardijie sir
    Thanx

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  6. sir meri b help kardijie please.
    Muje neelam dalne k lie aur panna dalne k lie kaha gaya hai aur maine neelam 1st of january ko pehna hai.
    Please muje bataiye kya muje neelam suit karega. Main kitni b mehnat karu last muje safalta nhi milti sir ji. Kbhi lagta hai suicide karlu phir kabhi lagta hai sab theek hojaega
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    Thanx

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  7. Will blue sapphire suits ?, vrishika (scorpio) ascendent, makara (capricorn) rashi, benefic Saturn (zero power) in 11th house in conjuction with malefic Mars (full power) in Virgo, ascendent in anuradha nakshtra (Saturn is presiding diety),
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