भारतीय नव वर्ष एव नवरात्री की हार्दिक सुभकामनाए
दिन
गुजरते है, साल गुजरता है, वक्त यु ही चलता रहता है, समय किसी के लिए नहीं
रुकता। इस समय के चाल में जीवन, जीवन के कई रंग दिखता है। समझ में नहीं आ
रहा की बीते हुए समय में जो गलत हुआ, जो लोग बिछड़े उसको लेकर शोक मनाऊ या
फिर आने वाले समय का स्वागत करू? गीता का एक श्लोक अक्सर मुझे याद आता है।
"जो हुआ अच्छा हुआ, जो हो रहा है अच्छा हो रहा है, जो होगा वो भी अच्छा
होगा" और अपने बड़ो से हमेशा मैंने सुना है की, पॉजिटिव रहे और सोचे। तो ठीक
है मै भी इन्ही बातो को अपनाता हु। और आपको, आपके परिवार को, मित्रो को
मेरी व मेरे सभी जानने वालो की तरफ से भारतीय नव वर्ष एव नवरात्री की
हार्दिक सुभकामनाए देते हुए आपके उर्जावान स्वर्णिम भविष्य की कामना करता
हु। [किंजल]
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