कुछ
ऐसी ही स्थिति आज कल जिंदगी में बनी हुई है हर एक मंजिल मेरे लिए अहमियत
रखती है। मै हर एक जगह पहुचना भी चाहता हु, उन हर एक कार्यो को करना भी
चाहता हु जो मैंने सोच रखा है, क्योकि उनसे मेरे साथ कई अन्य की भी आशाये
जुडी है। पर समझ नहीं आ रहा है किसे पहले और कैसे करू? दिक्कत केवल एक है
....... साधन, जिसके बिना हर एक जगह तक पहुचना नामुमकिन तो नहीं पर हा कठिन
जरूर है। मै कठिनाई से भी नहीं डरता। डरता तो केवल समय से हु, की कही देर न
हो जाये। [किंजल]
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