रविवार, अक्तूबर 03, 2010

अयोध्या वीवाद, जब जब समय आगे बड़ा और....

*अयोध्या विवाद : प्रमुख घटनाओं की गवाह तारीखें * *1528* : बाबर के सेनापति मीर बाँकी द्वारा अयोध्या में बाबरी मस्जिद का निर्माण। इसी जगह के बारे में कुछ वर्गों द्वारा दावा किया गया कि यहाँ भगवान राम का जन्म हुआ था और बाद में मंदिर बना था।** *1853* : पहली बार हिंदू-मुस्लिम संघर्ष।** *1855* : बाबरी मस्जिद के चारों ओर एक दीवार खड़ी की गई और समझौता हुआ कि पूजा-अजान अलग-अलग समय में संपन्न होंगे।** *22**/23 दिसंबर 1949 : *कुछ लोगों ने बाबरी मस्जिद के भीतर रामलला की मूर्ति स्थापित की। फौजदारी प्रक्रिया संहिता की धारा 145 के तहत मजिस्ट्रेट के आदेश से ढाँचे पर ताला लगा दिया गया। पुलिस सब-इंस्पेक्टर राम दुबे द्वारा कांस्टेबल माता प्रसाद की रिपोर्ट पर 23 दिसंबर को प्राथमिकी दर्ज।** 29 *दिसंबर 1949 : *फैजाबाद के जिलाधिकारी केके नायर ने विवादित संपत्ति अटैच की और नगर पालिका अध्यक्ष प्रियदत्त राम को वहाँ का रिसीवर नियुक्त किया। रिसीवर ने 5 जनवरी 1950 को कार्यभार संभाला। मुसलमानों को विवादित स्थल से 300 गज के दायरे में जाने पर रोक लगा दी गई, जबकि हिंदुओं को रामलला की पूजा की अनुमति दी गई।** 16 *जनवरी 1950 : *गोपालसिंह विशारद द्वारा सिविल जज की अदालत में मुकदमा। मूर्तियाँ न हटाने तथा पूजा की अनुमति देने के बाबत जज द्वारा अंतरिम आदेश पारित करने के साथ फैसला कि इस संपत्ति में कोई परिवर्तन नहीं होगा।** 21 *फरवरी 1950 : *मुसलमानों ने फिर से बाबरी मस्जिद के लिए दावा किया।** 5 *दिसम्बर 1950 : *रामचंद्र दास परमहंस ने जन्मभूमि मुक्ति के लिए अदालत में मुकदमा संख्या -25, 1950 दायर किया।** 26 *अप्रैल 1955 : *हाईकोर्ट ने सिविल जज के अंतरिम आदेश की पुष्टि की।** *1959* : निर्मोही अखाड़ा द्वारा विवादित संपत्ति की देखरेख के लिए रिसीवर की नियुक्ति रद्‌द कर मंदिर का कब्जा अखाडे़ को देने के लिए मुकदमा दर्ज किया।** 18 *दिसम्बर 1961 : *सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने हकदारी मुकदमा दायर कर माँग की कि विवादित ढाँचे से मूर्तियाँ हटाई जाएँ। *1964* : बंबई में सांदीपनी आश्रम में विश्व हिंदू परिषद की स्थापना।** *1983* : काशीपुर में दाऊदयाल खन्ना ने राम जन्मभूमि मुक्ति का मुद्‌दा उठाया।* * 7-8 *अप्रैल 1984 : *दिल्ली में विहिप द्वारा आयोजित प्रथम धर्म संसद में राम जन्मभूमि मुक्त कराने का संकल्प लिया। ** 18 *जून 1984 : *दिगंबर अखाड़ा, अयोध्या में आयोजित संतों की सभा में दाऊदयाल खन्ना को जन्मभूमि मुक्ति अभियान समिति का संयोजक बनाया गया।** 21 *जुलाई 1984 : *महंत अवैद्यनाथ राम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति के अध्यक्ष, रामचंद्र दास परमहंस उपाध्यक्ष और ओंकार भावे मंत्री बने।** 25 *दिसम्बर 1984 : *सीतामढ़ी से अयोध्या को श्री राम-जानकी रथयात्रा शुरू।** 7 *अक्टूबर 1984 : *अयोध्या में एक बड़ी सभा में ताला खोलने की माँग।** 8 *अक्टूबर 1984 : *अयोध्या-लखनऊ के बीच राम-जानकी रथयात्रा निकली।** 14 *अक्टूबर 1984 : *महंत अवैद्यनाथ, दाऊदयाल खन्ना, परमहंस और अशोक सिंघल का एक शिष्टमंडल उत्तरप्रदेश के तत्कालीन मुखयमंत्री नारायणदत्त तिवारी से मिला और ताला खोलने के साथ वहाँ मंदिर बनाने की माँग की।** 16 *अक्टूबर 1984 : *दिल्ली के लिए राम-जानकी रथयात्रा चली। पर तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी की हत्या के कारण बीच में ही स्थगित करने की घोषणा।** 18 *अप्रैल 1985 : *महंत रामचंद्र दास परमहंस ने घोषणा की कि यदि रामनवमी तक ताला न खुला तो वे आत्मदाह कर प्राण त्याग देंगे।** 1 *फरवरी 1986 : *फैजाबाद के वकील यूसी पांडे की याचिका पर जिला न्यायाधीश केएम पांडे ने उन आदेशों को रद्‌द कर दिया, जिनके चलते विवादित ढाँचे पर ताला लगा था। मुख्य द्वार का ताला खोला गया। हिंदुओं को पूजा-अर्चना का अधिकार दिया गया। इसी माह मो. हाशिम ने अदालत में अपील दायर की।** 15 *फरवरी 1986 : *बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी का गठन।** *1987* : राम-जानकी रथयात्रा निकली और देश भर में राम जन्मभूमि मुक्ति समितियों का गठन। उ.प्र. सरकार ने रथ यात्राओं पर प्रतिबंध लगाया।** *जुलाई 1988 से नवंबर 1988 : *गृहमंत्री बूटा सिंह ने विभिन्न पक्षों के साथ वार्ता की।** 4 *अक्टूबर 1988 : *बाबरी कमेटी द्वारा अयोध्या में मिनी मार्च और लांग मार्च के साथ विवादित स्थल पर नमाज पढ़ने की घोषणा की। पर सरकार के अनुरोध पर इन कार्यक्रमों को वापस ले लिया।** 1 *फरवरी 1989 : *प्रयाग में कुंभ के मौके पर आयोजित संत सम्मेलन में 9 नवंबर 1989 को मंदिर शिलान्यास कार्यक्रम की घोषणा।** 27-28 *मई 1989 : *हरिद्वार में 11 प्रांतों के साधुओं की बैठक, विहिप ने विवादित स्थल पर मंदिर बनाने के लिए 25 करोड़ रुपए एकत्र करने की घोषणा की।** *जून 1989 : *भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने विवादित ढाँचा हिंदुओं को सौंपने की माँग की।** 10 *जुलाई 1989 : *इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सभी मामले तीन न्यायाधीशों को पूरी बेंच द्वारा निपटाने का निर्णय लिया। अयोध्या विवाद के सभी मामले खंडपीठ के हवाले। ** 13-14 *जुलाई 1989 : *अयोध्या में बजरंग दल का शक्ति दीक्षा समारोह अयोजित।** 14 *अगस्त 1989 : *हाईकोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का अंतरिम आदेश दिया।** 22 *दिसंबर 1989 : *बोट क्लब, नई दिल्ली की जनसभा में साधुओं ने शिलान्यास कार्यक्रम में बाधा डालने पर सरकार को संघर्ष की चेतावनी दी।** 30 *सितंबर 1989 : *शिलापूजन कार्यक्रमों की शुरुआत।** 9 *नवंबर 1989 : *विभिन्न पक्षों के बीच निर्विवाद माने गए स्थल में प्रस्तावित राम मंदिर का शिलान्यास। बाद में भड़के दंगों में देश भर में 500 लोग मरे। स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि शिलान्यास दक्षिणायन में किया गया, लिहाजा शुभ नहीं माना जा सकता।** 10-11 *नवंबर 1989 : *कारसेवा की घोषणा सरयू तट से साधु संत और कार्यकर्ता कुदाल-फावड़ा लेकर चले पर जिलाधिकारी ने निर्माण कार्य नहीं होने दिया।** 28 *जनवरी 1990 : *विहिप द्वारा आयोजित प्रयाग संत सम्मेलन में 14 फरवरी 1990 से कारसेवा करने की घोषणा।** 6 *फरवरी 1990 : *प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने संतों से विवाद हल के लिए समिति गठन की घोषणा की। चार माह में समस्या समाधान का दावा।** 24 *जून 1990 : *हरिद्वार में साधुओं की बैठक। 30 अक्टूबर 1990 में मंदिर निर्माण की घोषणा के साथ कारसेवा समितियों का गठन।** 31 *अगस्त 1990 : *अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों की तराशी शुरू।** 23 *अगस्त 1990 : *महंत परमहंस ने 40 साल पहले दायर अपना मुकदमा वापस लिया। ** 25 *सितम्बर 1990 : *लालकृष्ण आडवाणी की सोमनाथ अयोध्या तक 10 हजार किमी की यात्रा शुरू। ** 19 *अक्टूबर 1990 : *विवादित स्थल एवं समीपवर्ती क्षेत्र का अधिग्रहण करने के लिए राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद (क्षेत्र का अधिग्रहण) अध्यादेश, 1990 की घोषणा। यह अध्यादेश दिनांक 23 अक्टूबर 1990 को निरस्त कर दिया गया।** 22 *अक्टूबर 1990 : *अयोध्या पहुँचने से कारसेवकों को रोकने के सरकारी प्रयास तेज। उ.प्र. सरकार ने रेलगाड़ियों व बसों की तलाशी लेकर कारसेवकों को उतारा और गिरफ्तार किया। अशोक सिंघल गोपनीय तरीके से अयोध्या पहुँचे।** 23 *अक्टूबर 1990 : *समस्तीपुर (बिहार) में लालकृष्ण आडवाणी को बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने गिरफ्तार कराया। भाजपा ने वीपी सिंह सरकार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय मोर्चा सरकार से अपना समर्थन वापस लिया। ** 30 *अक्टूबर 1990 : *विवादित ढाँचे पर कारसेवकों ने भगवा ध्वज फहराया। मस्जिद की चारदीवारी क्षतिग्रस्त। देश के कई हिस्सों में सांप्रदायिक तनाव और दंगे भड़के।** 2 *नवम्बर 1990 : *बेहद आक्रामक कारसेवकों पर अयोध्या में पुलिस ने गोली चलाई।* * 1 *दिसम्बर 1990 : *प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने दोनों पक्षों को वार्ता की मेज पर बैठाकर समाधान की सार्थक पहल की पर विहिप की जिद से मामला यथावत रहा।** 6 *दिसम्बर 1990 : *अयोध्या में कारसेवा जारी रखने के लिए संघर्ष शुरू। विवादित ढाँचे को उड़ाने के प्रयास में शिवसेना कार्यकर्ता बंदी।** 4 *अप्रैल 1991 : *वोट क्लब, दिल्ली पर विहिप और साधुओं की विशाल रैली।** *जून 1991 : *आम चुनाव में पहली बार उत्तरप्रदेश में भाजपा की सरकार बनी। भाजपा ने मंदिर निर्माण का संकल्प दोहराया।** 29 *सितंबर 1991 : *ऋषिकेश में विहिप मार्गदर्शक मंडल की बैठक में अयोध्या के अलावा काशी, मथुरा समितियों की भी घोषणा की गई।** 7-10 *अक्टूबर 1991 : *उ.प्र. सरकार के पर्यटन विभाग ने विवादित स्थल से लगी 2.77 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया। इस भूमि पर बने कई पुराने मंदिर ध्वस्त। सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अदालत में चुनौती दी। अदालत ने स्थायी निर्माण न करने और जमीन का मालिकाना हक न बदलने का आदेश दिया।** 31 *अक्टूबर 1991 : *कुछ लोगों ने ढाँचे पर हमला कर उसकी दीवारों को क्षति पहुँचाई। 2 नवमंबर 1991 : राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री कल्याणसिंह ने विवादित ढाँचे की सुरक्षा का आश्वासन दिया।** *दिसम्बर 1991 : *अयोध्या में विभिन्न सुरक्षा उपायों को हटाया गया।** *फरवरी 1992 : *अयोध्या में सीमा दीवार (राम दीवार) का निर्माण शुरू।** *मार्च 1992 : 1988-1989 *में अधिग्रहीत 42 एकड़ भूमि उप्र सरकार ने राम जन्मभूमि न्यास को रामकथा पार्क निर्माण के लिए प्रदान की।** *मार्च-मई 1992 : *अधिग्रहीत भूमि के सभी ढाँचे ध्वस्त। वृहद खुदाई और समतलीकरण का कार्य तेज। हाईकोर्ट ने इन कार्यों को रोकने से इनकार किया।** *अप्रैल 1992 : *राष्ट्रीय एकता परिषद के शिष्टमंडल का अयोध्या दौरा।** 8 *मई 1992 : *विहिप समर्थक साधुओं ने प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव से मुलाकात की।** *जुलाई 1992 : *विहिप के तत्वावधान में 9 जुलाई को कंक्रीट चबूतरे का निर्माण शुरू। गृहमंत्री शंकर राव चव्हाण का अयोध्या दौरा। प्रधानमंत्री से वार्ता के बाद 26 जुलाई को चार बजे कारसेवा बंद करने की घोषणा।** 23 *जुलाई 1992 : *सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बहाल रखने का फैसला सुनाया।** *अगस्त-सितम्बर 1992 : *प्रधानमंत्री कार्यालय में अयोध्या प्रकोष्ठ का गठन। कई धार्मिक नेताओं ने प्रधानमंत्री नरसिंह राव से मुलाकात की।** 16 *अक्टूबर 1992 : *प्रधानमंत्री के साथ विहिप नेताओं की दूसरी बैठक।** 23 *अक्टूबर 1992 : *पुरातत्विक सामग्री के अध्ययन के लिए बैठक। ** 31 *अक्टूबर 1992 : *पाँचवीं धर्म संसद में 6 दिसंबर से कारसेवा शुरू करने की घोषणा। ** 8 *नवम्बर 1992 : *केंद्र सरकार के साथ विहिप की तीसरी और आखिरी बैठक।** 10 *नवम्बर 1992 : *विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से प्रधानमंत्री राव की वार्ता। विवादित ढाँचे की रक्षा का संकल्प दोहराया गया।** 23 *नवम्बर 1992 : *राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में भाजपा का बहिष्कार। ढाँचे की रक्षा के लिए सर्वसम्मत प्रस्ताव।** 25 *नवम्बर 1992 : *सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कारसेवा रोकने के लिए उचित कार्रवाई का अधिकार दिया।** 26 *नवम्बर 1992 : *केंद्रीय अर्धसैन्य बलों की 90 कंपनियाँ अयोध्या पहुँचीं।** 27 *नवम्बर 1992 : *उप्र की कल्याणसिंह सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा कि किसी भी हालत में अधिग्रहीत जमीन पर निर्माण कार्य नहीं होगा।** 28 *नवम्बर 1992 : *उप्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया कि केवल सांकेतिक कारसेवा होगी और स्थायी या अस्थायी निर्माण नहीं होगा। 29 *नवम्बर 1992 : *मुरादाबाद के जिला जज तेजशंकर अयोध्या की हालत पर निगरानी रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा पर्यवेक्षक नियुक्त।** 30 *नवम्बर 1992 : *अयोध्या की स्थिति पर नई दिल्ली में केंद्रीय मत्रिमंडल की बैठक। ** 2 *दिसम्बर 1992 : *प्रधानमंत्री ने उच्चस्तरीय बैठक कर हालत की समीक्षा की। वाराणसी में लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि उप्र सरकार किसी भी हालत में अयोध्या में कारसेवकों के विरुद्ध बल प्रयोग नहीं करेगी और कारसेवा हर हाल में होगी।** 4 *दिसम्बर 1992 : *फैजाबाद में कांग्रेस का शांति मार्च पुलिस ने रोका, जितेंद्र प्रसाद, नवल किशोर शर्मा, शीला दीक्षित और जगदम्बिका पाल समेत कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गिरफ्तार। ** 5 *दिसम्बर 1992 : 6 *दिसम्बर को 12.30 बजे कारसेवा शुरू करने की घोषणा। कहा गया कि राम चबूतरे की सफाई के साथ भजन-कीर्तन जैसे कार्यक्रम होंगे।** 6 *दिसम्बर 1992 : *कारसेवकों ने 5 घंटे 45 मिलट में बाबरी मस्जिद ध्वस्त की। पत्रकारों और छायाकारों पर हमला। अयोध्या के सारे मुसलमान बेघर, कई धर्मस्थलों को नुकसान पहुँचाया गया। अयोध्या में इस दिन करीब तीन लाख कारसेवक जमा थे।** 7 *दिसम्बर 1992 : *कारसेवा दिन भर चलती रही। *पाकिस्तान और बंगलादेश में कई मंदिर तोडे़ गए* और देश में सांप्रदायिक उन्माद फैला। लालकृष्ण आडवाणी ने नैतिकता के आधार पर लोकसभा में विपक्ष के नेता पद से त्यागपत्र दिया।** 7*/8 दिसम्बर 1992 : *रात में केंद्रीय अर्धसैन्य बलों ने विवादित परिसर पर अपना नियंत्रण कायम किया। विशेष बसें और रेलगाड़ियाँ चलाकर कारसेवकों को अयोध्या से बाहर निकाला गया।** 8 *दिसम्बर 1992 : *लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, अशोक सिंघल, उमा भारती, विनय कटियार और विष्णु हरि डालमिया समेत कई नेता गिरफ्तार। ** 10 *दिसम्बर 1992 : *आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, जमायते इस्लामी तथा इस्लामी सेवक संघ पर केंद्र सरकार ने प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। ** 16 *दिसम्बर 1992 : *पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस मनमोहनसिंह लिब्रहान के नेतृत्व में एक सदस्यीय आयोग का गठन। आयोग को ढाँचे के विध्वंस में उप्र के मुखयमंत्री, मंत्रियों, अधिकारियों, संगठनों की भूमिका, सुरक्षा प्रबंधन में खामियाँ और मीडिया पर हमलों की जाँच करने का दायित्व सौंपा गया। आयोग को तीन माह के भीतर और 16 मार्च 1993 को रिपोर्ट सौंपने को भी कहा गया।** 16 *दिसम्बर 1992 : *राजस्थान, मध्यप्रदेश तथा हिमाचल की भाजपा सरकारें बर्खास्त।** 19 *दिसम्बर 1992 : *सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के सिलसिले में उप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याणसिंह, मुख्य सचिव प्रभात कुमार, संयुक्त सचिव जीवेश नंदन, पर्यटन सचिव आलोक सिन्हा, फैजाबाद के जिलाधिकारी आरएन श्रीवास्तव तथा अपर जिलाधिकारी उमेश चंद्र तिवारी न्यायालय में तलब।** 7 *जनवरी 1993 : *राव सरकार ने विवादित स्थल के पास 67 एकड़ जमीन का अधिगृहण किया। रामकथा पार्क बनाने की योजना। सुप्रीम कोर्ट ने अधिग्रहण को उचित मानते हुए कहा कि न्यास की 43 एकड़ जमीन भी अविवादित है।** 5 *अक्टूबर 1993 : *विशेष सत्र न्यायालय ने 40 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर करने का आदेश दिया।** 24 *अक्टूबर 1994 : *सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के जमीन अधिग्रहण के फैसले को उचित बताया और कहा कि वह इस जमीन की देखरेख का काम ट्रस्टों को सौंप सकती है। ** 1998 : केंद्र में भाजपा के नेतृत्व में राजग सरकार का गठन। अटलबिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने, लालकृष्ण आडवाणी गृहमंत्री। विहिप तथा साधुओं ने राममंदिर आंदोलन धीमा चलाने का फैसला लिया।** 10 *जून 1998 : *प्रधानमंत्री वाजपेयी ने लिब्रहान आयोग की समयावधि बढ़ाने की घोषणा की।** 17 *दिसम्बर 1998 : *केंद्रीय गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने बाबरी मस्जिद गिराने की कार्रवाई को शर्मनाक बताते हुए माफी माँगी।** 25 *अक्टूबर 1998 : *मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तराशने के लिए कार्यशाला खोली। ** 27 *जुलाई 2000 : *लिब्रहान आयोग ने कल्याणसिंह को पेश करने के लिए जमानती वारंट जारी किया। 18-21 *जनवरी 2001 : *प्रयाग में कुंभ मेले के दौरान धर्म संसद की बैठक में 12 मार्च 2002 से राम मंदिर निर्माण शुरू करने का फैसला।** 17 *अक्टूबर 2001 : *विहिप नेता अशोक सिंघल जबरिया रामलला का दर्शन करने पहुँचे। विवाद गहराया पर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं।** 27 *जनवरी 2002 : *अदालती आदेश के बावजूद विहिप का मंदिर बनाने का ऐलान। प्रधानमंत्री कार्यालय में शत्रुघ्नसिंह के नेतृत्व में अयोध्या सेल का दोबारा गठन। विहिप नेताओं की प्रधानमंत्री से वार्ता, पर कोई आश्वासन नहीं मिला।** *फरवरी 2002 : *उप्र भाजपा ने अपने चुनाव घोषणापत्र में मंदिर निर्माण की प्रतिबद्धता से खुद को अलग किया। 15 हजार कारसेवक अयोध्या पहुँचे।** 16 *फरवरी 2002 : *प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने कहा कि दोनों पक्षों ने अगर अपना रुख यथावत रखा तो विवाद निपटाने का एकमात्र रास्ता अदालती फैसला ही होगा।** 27 *फरवरी 2002 : *गोधरा (गुजरात) में अयोध्या से कारसेवा कर लौट रहे रामसेवकों की ट्रेन में जलने से मौत के चलते गुजरात में भारी दंगा और हिंसा।** 5 *मार्च 2002 : *विहिप और न्यास ने अदालती आदेश मानने की घोषणा की।** 6 *मार्च 2002 : *केंद्र सरकार ने अयोध्या मामले की जल्दी सुनवाई के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।** 13 *मार्च 2002 : *सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अधिग्रहीत भूमि पर कोई गतिविधि नहीं होगी। ** 23 *जून 2002 : *विहिप ने अदालती आदेशों को मानने से मना किया, जबकि बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने कहा आदेश मानेंगे।** 5 *मार्च 2003 : *इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित स्थल की असलियत जानने के लिए खुदाई का आदेश दिया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने खुदाई शुरू कराई।** 22 *जनवरी 2003 : *लिब्रहान आयोग ने साक्ष्य दर्ज करने का कार्य पूरा किया।** 22 *अगस्त 2003 : *भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने खुदाई की रिपोर्ट सौंपी।** 2 *सितंबर 2003 : *लिब्रहान आयोग ने कल्याणसिंह को गैर जमानती वारंट जारी किया। ** 30 *जून 2009 : *जस्टिस (सेवानिवृत्त) मनमोहनसिंह लिब्रहान ने प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहनसिंह तथा केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिंदाबरम को 900 पेज की अयोध्या की जाँच रिपोर्ट सौंपी। आयोग ने 399 बार सुनवाई की, उसका 48 बार विस्तार हुआ आठ करोड रुपए से अधिक की राशि खर्च हुई। रिपोर्ट देने में 16 साल 7 माह लगा।** 22 *नवंबर 2009 : *लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट लीक होने पर संसद में भारी हंगामा। ** 24 *नवंबर 2009 : *संसद में केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिंदबरम ने लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट तथा 13 पृष्ठ की एटीआर पेश की। सरकार ने कहा, दोषियों को सजा मीलेगी

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